अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यानी कि International Women’s Day (IWD) विशेष रूप से महिलाओं के द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। आधुनिक समाज में महिलाओं के लिए लोगो की सोच में पहले की तुलना में काफी परिवर्तन आया है, जो कि काफी खुशी की बात है; क्योकि इन सब चीज़ों से ही एक सशक्त समाज का विकास होता है, और हम एक साथ मिलकर देश और विश्व के विकास में भागीदारी कर सकते हैं। महिलाएं घर परिवार का अभिन्न अंग होती हैं, और हमें उनका अति सम्मान करने की आवश्यकता है।
पहले के समय में स्त्रियां और मासूम बच्चियां तमाम तरह के शोषण का शिकार होती रही हैं। हांलाकि यह सब अभी भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन देशों और विश्व की सरकारों द्वारा इस दिशा में कईं महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं और काफी हद तक अपने इस मिशन में कामयाब भी हुए हैं। आज के समय में कईं ऐसे क्षेत्र हैं जैसे कि राजनीति, खेल, विज्ञान इत्यादि जहां पर महिलाएं पुरुषों से काफी आगे है।
अगर बात भारतीय समाज की हो तो यहां महिला को देवी का स्वरुप माना गया है, और महिलाओं का अपमान देवी के अपमान के बराबर है। लेकिन इसके बावजूद अभी भी कईं ऐसे पिछड़े क्षेत्र हैं जहां महिलाओं को अलग दृष्टि से देखा जाता है और उनके साथ पुरुषों के सामान व्यवहार नहीं किया जाता है। तो हमे अब इस मिशन को देश और विश्व के हर एक नागरिक तक पहुंचाकर महिलाओं को अलग तरह से देखने का नजरिया दूर करने के लिए एक साथ आगे आना चाहिए, इसी से एक देश का सम्पूर्ण विकास संभव है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की कब हुई शुरुआत?
अमेरिका में 1908 में एक मजदूर आंदोलन हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में कामकाजी महिलाएं शामिल हुई थीं। करीब 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च करते हुए अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठाई थी। कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के घंटे कम किए जाएं और वेतनमान भी बढ़ाया जाए। महिलाओं ने मतदान का अधिकार देने की भी मांग की। अपने अधिकारों को लेकर इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं की बुलंद आवाज तत्कालीन सरकार के कानों में पड़ी तो आंदोलन के एक साल बाद 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने की घोषणा कर दी।
अमेरिका में महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर मार्च निकाला था। जिसके बाद अगले साल सोशलिस्ट पार्टी ने इसी दिन महिला दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वहीं 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल शुरू की थी। उन्होंने भी युद्ध को लेकर अपनी मांग और विचार रखें। इसके बाद सम्राट निकोलस ने अपना पद त्याग दिया और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। उनको मिले अधिकार को देखते हुए यूरोप में भी महिलाओं ने कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इसी वजह से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 का उद्देश्य और महत्व
भले ही आज दुनिया के तमाम देश और हमारा समाज अधिक जागरूक है लेकिन महिलाओं के अधिकारों और हक की लड़ाई अभी भी जारी है। कई मामलों में महिलाओं को आज भी समान सम्मान और अधिकार नहीं मिले हैं। महिलाओं के इन्हीं अधिकार, सम्मान के लिए समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम
साल 2021 महिला दिवस की थीम ‘महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना’ थी। वहीं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ यानी ‘एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता’ है। वहीं महिला दिवस का रंग पर्पल, ग्रीन और सफेद है। पर्पल रंग न्याय और गरिमा का प्रतीक है। हरा रंग उम्मीद और सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम है – “डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” (DigitALL: Innovation and technology for gender equality). इस थीम के पीछे यह विचार है: लैंगिक समानता प्राप्त करने और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल युग में नवाचार और तकनीकी परिवर्तन और शिक्षा।
International Women’s Day 2023: “DigitALL: Innovation and technology for gender equality” The theme for International Women’s Day, 8 March 2023 (IWD 2023) is, “DigitALL: Innovation and technology for gender equality”